सिरमौर में पझौता एक क्षेत्र का नाम है सिरमौर के जागरुक किसानों ने एक किसान सभा बनाए इस संस्था का लक्ष्य किसानों की समस्याओं को दूर करना था इस संस्था का नेतृत्व लक्ष्मी सिंह कर रहे थे क्षेत्र के प्रमुख लोग इसके सदस्य थे सब आने सिरमौर के राजा के समक्ष किसानों की मांग मांग पत्र के रुप में रखिए 1942 में जब यह मांग पत्र राजा राजेंद्र प्रकाश को दिया गया उस समय द्वितीय विश्व युद्ध चल रहा था राजा अंग्रेजों का समर्थन कर रहा था इसलिए अंग्रेजों की फौज भर्ती में सहायता दे रहा था और रसद इकट्ठा करने में सहायक था उसने अपनी प्रजा को आज्ञा दी कि राज्य द्वारा निर्धारित मूल्य पर भी अपनी उपज केवल सरकार को ही पीछे जनता में असंतोष था राजा ने पझौता में आंदोलन के लिए इकट्ठा हुए किसानो और उनके नेताओं से बात करने की अपेक्षा उनका दमन करने की नीति अपनाई संघर्ष तेज हुआ और पूरे क्षेत्र में फैल गया इस प्रकार एक साधारण सा किसान आंदोलन राजा की हठधर्मी से व्यापक राजनीतिक आंदोलन में बदल गया
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