हिमाचल को सत्ता के दरवाजे तक ले जाने वाले सूबे के सबसे बड़े जिले कांगड़ा शहर में कहने तो भाजपा की हुंकार रैली में बेरोजगारों को एकजुट कर सरकार के खिलाफ खड़ा करना था लेकिन सियासी चौसर पर राजनीति धूमल और नड्डा के इर्द गिर्द घूमती रही।
रैली के मुख्य सूत्रधार रहे अमित शाह समेत सभी नेताओं ने अपना निशाना वीरभद्र पर रखा लेकिन सियासी आइनें की नजरें धूमल और नड्डा के बीच के चल रहे सियासी शीत युद्ध पर रहीं।
पंडाल के भीतर नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल के पक्ष में जोरदार नारेबाजी हुई जबकि नड्डा अमित शाह के संग रहकर उनके सारथी के रूप में खड़े नजर आए। नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल जैसे ही रैली मंच पर संबोधन देने के लिए पहुंचे तो पंडाल की भारी भीड़ के बीच में उनके पक्ष में जोरदार नारेबाजी होने लगी।
पंडाल के भीतर नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल के पक्ष में जोरदार नारेबाजी हुई जबकि नड्डा अमित शाह के संग रहकर उनके सारथी के रूप में खड़े नजर आए। नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल जैसे ही रैली मंच पर संबोधन देने के लिए पहुंचे तो पंडाल की भारी भीड़ के बीच में उनके पक्ष में जोरदार नारेबाजी होने लगी।
बार बार धूमल जी, धूमल तुम आगे बढ़ो हम तुम्हारे साथ हैं नारे पूरे भाषण के दौरान जमकर लगे। इससे पहले हालांकि, जेपी नड्डा के भाषण में भी नारेबाजी हुई लेकिन यह साधारण रूप से नड्डा जी को जयश्री राम वाले थे। दो सियासी ध्रुवों की स्थितियां भांपने के बाद अमित शाह ने जैसे मंच संभाला तो नड्डा को अपना अजीज मित्र करार दे दिया।
दोपहर करीब 1 बजे कांगड़ा एयरपोर्ट पहुंचने के बाद शाह ने नड्डा से गुफ्तगू की। इसके बाद शाह ने नड्डा को अपनी गाड़ी में बिठाया और रैली स्थल की ओर रवाना हुए जबकि शांता और धूमल एयरपोर्ट से रैली स्थल तक अलग गाड़ी में आए। नड्डा ने अपने भाषण में शाह के समक्ष उपलब्धियों का रिपोर्ट कार्ड पेश किया।
दोपहर करीब 1 बजे कांगड़ा एयरपोर्ट पहुंचने के बाद शाह ने नड्डा से गुफ्तगू की। इसके बाद शाह ने नड्डा को अपनी गाड़ी में बिठाया और रैली स्थल की ओर रवाना हुए जबकि शांता और धूमल एयरपोर्ट से रैली स्थल तक अलग गाड़ी में आए। नड्डा ने अपने भाषण में शाह के समक्ष उपलब्धियों का रिपोर्ट कार्ड पेश किया।
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