अपने अस्तित्व के 70 साल पार कर रहे हिमाचल की सियासी बागडोर 70 वर्ष की आयु से ऊपर के बुजुर्गों के हाथ में ही है। सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्ष में बैठी भाजपा दोनों दलों में ही उम्रदराज नेताओं का दबदबा है। तमाम बुजुर्ग नेताओं का सियासी जोश भी देखने लायक है।
ये सियासत में पूरा दमखम दिखा रहे हैं। बेशक, प्रदेश के कुल मतदाताओं में 50 फीसदी से ज्यादा युवा ही हों, मगर नेतृत्व के मामले में दबदबा बुजुर्गों का है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के 12 सदस्य 70 साल पार हैं।
करीब एक दर्जन अन्य विधायक भी 70 की उम्र में पहुंचने वाले हैं। इनमें से अधिकतर प्रदेश की राजनीति को लीड कर रहे हैं। दो सांसद भी उम्र की इस दहलीज को पार कर चुके हैं।
प्रदेश की कैबिनेट में ज्यादातर उम्रदराज मंत्री ही हैं। राज्य मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत छह सदस्य 70 साल की आयु पार कर चुके हैं। छठी बार के हिमाचल के सीएम वीरभद्र सिंह 83 बसंत देख चुके हैं। करीब 55 साल का तो उनका राजनीतिक जीवन ही हो गया है। बावजूद इसके वे फील्ड में जूझते दिखते हैं।
वीरभद्र के राजनीतिक जीवन में विश्राम नाम की कोई चीज नहीं रही है। कई विवादों से जूझते सिंह सत्ता संग्राम में अकेले ही गरजते नजर आते हैं।
उनके बाद कैबिनेट की सबसे वरिष्ठ मंत्री विद्या स्टोक्स नब्बे साल की होने वाली हैं। अरसे से उन्होंने अन्न तक त्यागा हुआ है और वे केवल फल खाती हैं। घुटनों में दर्द के बावजूद वे प्रदेश की सबसे सक्रिय बुजुर्ग नेता हैं।
स्टोक्स के अलावा मंत्रिमंडल में अन्य सदस्यों में सुजान सिंह पठानिया, धनीराम शांडिल, कौल सिंह ठाकुर और ठाकुर सिंह भरमौरी भी 70 बरस पार हैं। मुख्यमंत्री और उनके पांच मंत्रियों के अलावा प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष बृज बिहारी लाल बुटेल की उम्र भी इस परिधि को पार कर रही है।
विपक्ष के नेता प्रेमकुमार धूमल की आयु भी 73 वर्ष के हैं। दो बार सीएम रह चुके धूमल भी पूरे दमखम से सत्तापक्ष से मुकाबिल होते दिखते हैं। भाजपा विधायकों पर उनकी पूरी पकड़ है। विपक्षी भाजपा के तमाम नए ध्रुव भी धूमल के जनाधार के सामने कहीं नहीं टिकते हैं।
सत्ता पक्ष के 70 पार विधायकों में मनसा राम और किशोरी लाल भी शामिल हैं तो विपक्ष में रिखी राम कौंडल, बीके चौहान और कर्नल इंद्र सिंह हैं। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के लोकसभा सांसद शांता कुमार की उम्र भी 83 साल है, जबकि राज्यसभा सांसद विप्लव ठाकुर की आयु 73 साल है।
प्रदेश विधानसभा के ये विधायक हैं 70 पार
वीरभद्र सिंह (83)
विद्या स्टोक्स (89)
सुजान सिंह पठानिया (74)
प्रेमकुमार धूमल (73)
बीके चौहान (70)
बृज बिहारी लाल बुटेल (76)
धनीराम शांडिल (76)
कर्नल इंद्र सिंह (73)
कौल सिंह ठाकुर (72)
मनसा राम (77)
ठाकुर सिंह भरमौरी (70)
रिखी राम कौंडल (70)
सांसद
लोकसभा सांसद शांता कुमार (83)
राज्यसभा सांसद विप्लव ठाकुर (73)
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस संगठन की बात करें तो इसमें युवाओं को आगे आने का भरपूर मौका दिया जा रहा है। सरकार में भी कई युवा नेता हैं। बाकी राजनीति में अनुभव और जोश दोनों ही जरूरी होती है। - सुखविंद्र सिंह सुक्खू, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष
मोदी जी ने राजनीति में रहने की आयु 75 साल तय की है। इतनी आयु ठीक भी है। बाकी मेरे हिसाब से अगर कोई स्वस्थ है तो वह 70 साल के बाद भी राजनीति में एक्टिव रहे तो उसमें कुछ गलत नहीं है। आयु के साथ अनुभव भी तो होता है। वैसे भाजपा में हिमाचल में 70 पार बहुत कम नेता हैं। वे काफी सक्रिय हैं। - सुरेश भारद्वाज, भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक एवं पूर्व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष
करीब एक दर्जन अन्य विधायक भी 70 की उम्र में पहुंचने वाले हैं। इनमें से अधिकतर प्रदेश की राजनीति को लीड कर रहे हैं। दो सांसद भी उम्र की इस दहलीज को पार कर चुके हैं।
प्रदेश की कैबिनेट में ज्यादातर उम्रदराज मंत्री ही हैं। राज्य मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत छह सदस्य 70 साल की आयु पार कर चुके हैं। छठी बार के हिमाचल के सीएम वीरभद्र सिंह 83 बसंत देख चुके हैं। करीब 55 साल का तो उनका राजनीतिक जीवन ही हो गया है। बावजूद इसके वे फील्ड में जूझते दिखते हैं।
वीरभद्र के राजनीतिक जीवन में विश्राम नाम की कोई चीज नहीं रही है। कई विवादों से जूझते सिंह सत्ता संग्राम में अकेले ही गरजते नजर आते हैं।
उनके बाद कैबिनेट की सबसे वरिष्ठ मंत्री विद्या स्टोक्स नब्बे साल की होने वाली हैं। अरसे से उन्होंने अन्न तक त्यागा हुआ है और वे केवल फल खाती हैं। घुटनों में दर्द के बावजूद वे प्रदेश की सबसे सक्रिय बुजुर्ग नेता हैं।
स्टोक्स के अलावा मंत्रिमंडल में अन्य सदस्यों में सुजान सिंह पठानिया, धनीराम शांडिल, कौल सिंह ठाकुर और ठाकुर सिंह भरमौरी भी 70 बरस पार हैं। मुख्यमंत्री और उनके पांच मंत्रियों के अलावा प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष बृज बिहारी लाल बुटेल की उम्र भी इस परिधि को पार कर रही है।
विपक्ष के नेता प्रेमकुमार धूमल की आयु भी 73 वर्ष के हैं। दो बार सीएम रह चुके धूमल भी पूरे दमखम से सत्तापक्ष से मुकाबिल होते दिखते हैं। भाजपा विधायकों पर उनकी पूरी पकड़ है। विपक्षी भाजपा के तमाम नए ध्रुव भी धूमल के जनाधार के सामने कहीं नहीं टिकते हैं।
सत्ता पक्ष के 70 पार विधायकों में मनसा राम और किशोरी लाल भी शामिल हैं तो विपक्ष में रिखी राम कौंडल, बीके चौहान और कर्नल इंद्र सिंह हैं। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के लोकसभा सांसद शांता कुमार की उम्र भी 83 साल है, जबकि राज्यसभा सांसद विप्लव ठाकुर की आयु 73 साल है।
प्रदेश विधानसभा के ये विधायक हैं 70 पार
वीरभद्र सिंह (83)
विद्या स्टोक्स (89)
सुजान सिंह पठानिया (74)
प्रेमकुमार धूमल (73)
बीके चौहान (70)
बृज बिहारी लाल बुटेल (76)
धनीराम शांडिल (76)
कर्नल इंद्र सिंह (73)
कौल सिंह ठाकुर (72)
मनसा राम (77)
ठाकुर सिंह भरमौरी (70)
रिखी राम कौंडल (70)
सांसद
लोकसभा सांसद शांता कुमार (83)
राज्यसभा सांसद विप्लव ठाकुर (73)
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस संगठन की बात करें तो इसमें युवाओं को आगे आने का भरपूर मौका दिया जा रहा है। सरकार में भी कई युवा नेता हैं। बाकी राजनीति में अनुभव और जोश दोनों ही जरूरी होती है। - सुखविंद्र सिंह सुक्खू, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष
मोदी जी ने राजनीति में रहने की आयु 75 साल तय की है। इतनी आयु ठीक भी है। बाकी मेरे हिसाब से अगर कोई स्वस्थ है तो वह 70 साल के बाद भी राजनीति में एक्टिव रहे तो उसमें कुछ गलत नहीं है। आयु के साथ अनुभव भी तो होता है। वैसे भाजपा में हिमाचल में 70 पार बहुत कम नेता हैं। वे काफी सक्रिय हैं। - सुरेश भारद्वाज, भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक एवं पूर्व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष
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