क्या आप जानते हैं कि हिंदुस्तान का पहला लव स्कैंडल कहां हुआ था। अगर नहीं तो आइए हम बताते हैं इस स्कैंडल की जगह और इसकी कहानी के बारे में।
ऐसा माना जाता है कि हिंदुस्तान का पहला लव स्कैंडल और कहीं नहीं बल्कि हिल्स क्वीन शिमला में हुआ था। यहां पर इस स्कैंडल के नाम से मालरोड पर स्कैंडल प्वाइंट भी बना है। शिमला आने वाले सैलानी इसकी कहानी जरूर पता करते हैं।
कहा जाता है कि ब्रिटिश काल में शिमला के मालरोड से पटियाला के महाराजा ने अंग्रेज वाइसराय की बेटी को उठा लिया था। इसे पहला लव स्कैंडल कहा जाता है। जिस जगह पर यह कथित वारदात हुई उसे आज स्कैंडल प्वाइंट के नाम से जाना जाता है।
महाराजा भूपिंद्र सिंह ने वाइसराय लार्ड कर्जन की बेटी को उठाया था। वह किसी भी सूरत में उसे पाना चाहते थे। उनकी बेटी रोजाना शाम को शिमला के मालरोड पर टहलने आती थी। उस समय मालरोड पर हिंदुस्तानियों के आने पर पाबंदी थी।
केवल अंग्रेज अफसर ही अपने परिवार के साथ टहलते थे। कहा जाता है कि महाराजा भूपिंद्र सिंह घोड़े पर सवार होकर आए और मालरोड पर टहल रही लार्ड कर्जन की बेटी को उठा ले गए।
गुस्से में वायसराय ने उनका शिमला आने पर प्रतिबंध लगा दिया। महाराजा ने भी अपनी आन-बान और शान के लिए शिमला से भी ऊंचा नगर बसाने की ठान ली और चायल का निर्माण कर डाला। इस घटना के मालरोड पर स्थित इस स्क्वायर का नाम स्कैंडल प्वाइंट पड़ा।
महाराजा की प्रचलित कहानी: शिमला का बच्चा-बच्चा जानता है कि स्कैंडल प्वाइंट से पटियाला के महाराजा ने अंग्रेज वायसराय की बेटी को उठाया था।पटियाला के महाराजा भूपिंद्र सिंह का जन्म 12 अक्टूबर 1891 में हुआ। वर्ष 1900 में उन्होंने राजगद्दी संभाली और 38 साल तक राजपाट किया। उन्होंने ऑनरेरी लेफ्टीनेंट कर्नल के तौर पर प्रथम विश्व युद्ध में भाग लिया था। लीग ऑफ नेशंज में 1925 में भूपिंद्र सिंह ने भारत का प्रतिनिधित्व किया। महाराजा क्रिकेट के शौकीन थे। वर्ष 1911 में इंग्लैंड दौरे पर भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान भी वही थे।हालांकि कुछ इतिहासकार इस बात से इत्तफाक नहीं रखते। उनका दावा है कि लार्ड कर्जन साल 1905 तक वाइसराय रहे। उनकी तीन बेटियां थीं। देखा जाए तो 1905 में महाराजा की आयु 14 साल की थी। लार्ड कर्जन की बड़ी बेटी आइरिन की उम्र उस समय महज 9 साल थी।
महाराजा की प्रचलित कहानी: शिमला का बच्चा-बच्चा जानता है कि स्कैंडल प्वाइंट से पटियाला के महाराजा ने अंग्रेज वायसराय की बेटी को उठाया था।पटियाला के महाराजा भूपिंद्र सिंह का जन्म 12 अक्टूबर 1891 में हुआ। वर्ष 1900 में उन्होंने राजगद्दी संभाली और 38 साल तक राजपाट किया। उन्होंने ऑनरेरी लेफ्टीनेंट कर्नल के तौर पर प्रथम विश्व युद्ध में भाग लिया था। लीग ऑफ नेशंज में 1925 में भूपिंद्र सिंह ने भारत का प्रतिनिधित्व किया। महाराजा क्रिकेट के शौकीन थे। वर्ष 1911 में इंग्लैंड दौरे पर भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान भी वही थे।हालांकि कुछ इतिहासकार इस बात से इत्तफाक नहीं रखते। उनका दावा है कि लार्ड कर्जन साल 1905 तक वाइसराय रहे। उनकी तीन बेटियां थीं। देखा जाए तो 1905 में महाराजा की आयु 14 साल की थी। लार्ड कर्जन की बड़ी बेटी आइरिन की उम्र उस समय महज 9 साल थी।
No comments:
Post a Comment